सीकर . राजस्थान के शेखावाटी क्षेत्र की महिलाएं शिक्षा में ही नहीं सेना में भी काफी आगे हैं. इस क्षेत्र का जिला झुंझुनू शिक्षा में राजस्थान में ही नहीं देश के अग्रणी जिलों में से है. भारतीय वायुसेना में लड़ाकू विमान उड़ाने वाली तीन महिला पायलट में शेखावाटी का योगदान था. शेखावटी क्षेत्र के मुस्लिम संगठनों ने ही बालिका शिक्षा की ऐसी रोशन मीनार खड़ी की है, जो पूरे प्रदेश में नजर आती है. हालांकि, शेखावाटी महिला राजनीति में बहुत पीछे है. शेखावाटी के सीकर, चूरु व झुंझुनूं जिले में कुल 21 विधानसभा सीटें हैं, लेकिन आजादी के बाद से तीन जिलों की 21 सीटों पर अब तक मात्र छह महिला ही विधायक चुनी जा सकी हैं. वहीं, 13 विधानसभा चुनावों में से पहली, सातवीं व दसवीं विधानसभा में शेखावाटी से एक भी महिला विधानसभा नहीं पहुंच पाई थी.
चुरू से दो विधायक
साल 1975 के विधानसभा चुनाव में चूरु विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस टिकट पर निर्वाचित हमीदा बेगम को चूरू जिले की पहली महिला विधायक बनने का मौका मिला. हमीदा बेगम आज तक शेखावाटी से निर्वाचित होने वाली एक मात्र मुस्लिम महिला विधायक भी हैं. वहीं दूसरा नाम कमला कस्वा का है, जिन्होंने 2003 में चूरू जिले की सादुलपुर विधानसभा सीट से बीजेपी के बैनर तले विजय हासिल की.
झुंझुनू से ये रहीं विधायक
शेखावाटी में सर्वप्रथम विधायक बनने का गौरव सुमित्रा सिंह को हासिल है. सुमित्रा सिंह 1957 के विधानसभा चुनाव में पहली बार कांग्रेस के टिकट पर चिडावा विधानसभा क्षेत्र से विधायक निर्वाचित हुईं. उसके बाद वो नौ बार विधायक बनने में सफल रही. साल 1985 में झुंझुनूं जिले के मंडावा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस टिकट पर सुधादेवी विधायक निर्वाचित हुईं. वहीं 2003 में नवलगढ से प्रतिभा सिंह (निर्दलीय) विजयी हुईं और इसके अलावा रीटा चौधरी और संतोष अहलावत का नाम शामिल है.
सीकर से है एक विधायक
आजादी के बाद से सीकर से एक महिला विधायक विधानसभा तक पहुंची हैं और वो भी साल 2003 में. सीकर विधानसभा सीट से बीजेपी की राजकुमारी शर्मा विजयी रही थीं.
गीता बजाज पहली महिला प्रत्याशी
श्रीमाधोपुर से साल 1957 में गीता बजाज को कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी बनाया था. यह सीकर जिले की पहली महिला प्रत्याशी है. उन्हें उस समय 23.24 फीसदी (5768) मत मिले थे. वह दूसरे स्थान पर रही थीं.